The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
[They are preliminary stotras that should be recited ahead of studying of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here's it advised that if this kunjika stotram is recited then there isn't any really need to recite every one of these.]
क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
The spouse of Shiva the goddess of speech, the goddess Kali we pray for you to perform benevolent acts
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी sidh kunjika की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षम् ।